School Full Form In Hindi | स्कूल फुल फॉर्म इन हिंदी?

दोस्तों आज के मॉडर्न समय में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसे स्कूल के बारे में पता न हो,
लेकिन क्या आपको पता हैं School Full Form In Hindi | स्कूल फुल फॉर्म इन हिंदी।

बहुत से लोगों को आज भी School Full form in Hindi क्या होता है इसके बारे में कोई
जानकारी नहीं हैं इसके साथ भारत में स्कूल की शुरुवात कैसे हुई आज आपको यह भी जरूर जानना चाहिए।

भारत में पहले के समय में गुरु हुआ करते थे जो बच्चो को शिक्षा देते थे तथा उन्हें आश्रम में
रखते थे लेकिन अब समय बदल चुका है।

अब मां बाप अपने बच्चों को महंगे से महंगे स्कूल में पढ़ाते हैं ताकि बच्चे लाइफ में कुछ बड़ा कर
पाए, चलिए शुरू करते है आज की पोस्ट School Full Form In Hindi | स्कूल फुल फॉर्म इन हिंदी?

School kya hai?

School जिसे हम विद्यालय भी कहते है आज के समय का सबसे ज्यादा लोकप्रिय स्थान हैं क्योंकि हम सभी यहीं चाहते है की हमारे बच्चे भी सही से पढ़ कर कुछ बनें।

स्कूल वह स्थान हैं जहां से पढ़कर बच्चे IAS तथा PCS जैसी परीक्षा पास करने के योग्य हो पाते है।

दुनिया में सभी को शिक्षा का अधिकार है क्योंकि शिक्षा के द्वारा ही हममें दुनिया को और बेहतर ढंग से समझने की ताकत होती है, अगर समाज से शिक्षा गायब हो जाए तो समाज एक दम सूना हो जाएगा।

School Full Form In Hindi

यह सवाल आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा की स्कूल का फुल फॉर्म भी होता है क्या? क्योंकि यह हमे कभी नहीं सिखाया गया।

स्कूल मतलब शिक्षा का मंदिर जहां हम अपने सपनो को दिशा तथा आकर देने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए जाते है। चलिए अब जानते है School Full Form In Hindi।

S – Sincerity
C – Capacity
H – Honesty
O – Orderliness
O – Obedience
L – leaning

आइए इसे हिंदी में क्या कहते है यह भी जान लेते है।
S – सच्चाई
C – क्षमता
H – ईमानदारी
O – सुव्यवस्था
O – आज्ञाकारी
L – सीखना

शुरुवाती समय में भारत में गुरुकुल होते थे जिसमें गुरु शिक्षा देने का काम करते थे, जिसे भी शिक्षा लेनी होती थी वह गुरुकुल आता था।

अगर गुरु आपको एक्सेप्ट कर लेते तो आपको वहीं गुरुकुल में उनके साथ रहना होता था तथा सभी तरह के काम भी करने होते थे। गुरु बच्चों को हर तरह का ज्ञान देते थे।

संस्कृत से लेकर गणित और इसके अलावा कई नई भाषाओं का भी ज्ञान दिया जाता था। सबसे बड़ी बात यह हैं की इसमें बच्चे नेचर से जुड़े रहते थे।

भारत में स्कूल की शुरुवात कब हुई?

हमारे भारत में पहले से ही शिक्षा पद्धति मौजूद थी लेकिन सन 1830 में Lord Thomas Babington के द्वारा मॉडर्न स्टडी की शुरुवात की गई।

इसमें मॉडर्न इंग्लिश से लेकर साइंस, गणित, फिलोसॉफी जैसे महत्वपूर्ण विषय रखे गए जो बच्चों के भविष्य के लिए बहुत कारगर साबित हुए।

धीरे धीरे पढ़ाने का तरीका भी बदलने लगा और नेचर से हटकर क्लास रूम में पढ़ाई होने लगी और गुरु और विद्यार्थी के बीच relationship खत्म होने लगा।

भारत में Board Education की शुरुवात कब हुई?

भारत में सबसे पहले Board of High school की शुरुवात उत्तर भारत से हुई थी सन 1921 में
Board of High school और intermediate Education की शुरुवात हुईं।

इसके बाद सन 1929 में भारत के अन्य राज्यों में इसकी शुरुवात हुई, लेकिन आखिर में सन 1952 में
Board के एजुकेशन में संशोधन किया गया और इसका नाम Central Board of Secondary Education (CBSE) रखा गया।

दिल्ली के लगभग सभी स्कूल और आस पास के स्कूल इसके अंदर आ गए, स्टूडेंट्स को क्या
सिलेबस होगा तथा टेक्स्टबुक कैसी होगी यह निर्णय CBSE ही करती थीं।

CBSE Board में बहुत सारे स्कूल हैं कई स्कूल अफगानिस्तान से जिम्बाब्वे तक फैले हुए है और
अलग अलग देशों में भी स्कूल मौजूद हैं।

The School System

इसके बाद भारत 28 राज्य और 7 यूनियन Territories में बट गया। चलिए पहले आपको 28 राज्य और 7 यूनियन Territories के नाम बताते हैं।

28 राज्य –

Andhra Pradesh
Assam
Arunachal Pradesh
Bihar, Chhattisgarh
Goa, Gujarat
Haryana
Himachal Pradesh
Jharkhand
Karnataka
Kerala
Madhya Pradesh
Maharashtra
Manipur
Meghalaya
Mizoram
Nagaland
Odisha
Punjab
Rajasthan
Sikkim
Tamil Nadu
Telangana
Tripura
Uttarakhand
Uttar Pradesh
West Bengal

8 Union Territories

Andaman and Nicobar Islands
Chandigarh
Dadra and Nagar Haveli and Daman and Diu National Capital Territory of Delhi
Jammu and Kashmir
Lakshadweep
Ladakh
Puducherry.

भारत 28 राज्य में बटने के बाद हर राज्य की अलग सरकार भी बनी और राज्यों को पूरा अधिकार था की वो अपने राज्य में अलग से शिक्षा नीति लागू कर सकते हैं ।

इसी वजह से हर राज्य ने अपना खुद का Board of Education बना लिया जिसके बाद स्टूडेंट बढ़ते गए और हर राज्य का अलग बोर्ड हो गया।

इसके बाद राज्यों ने अपने स्टूडेंट के लिए अलग से बुक्स भी निकल दी इसलिए आपने देखा होगा की हर राज्य की अलग अलग किताबें होती हैं। जैसे Mp Board, Up Board।

निष्कर्ष

दोस्तों मुझे पूरी उम्मीद हैं अब आपको समझ आ गया की School Full Form In Hindi | स्कूल फुल फॉर्म इन हिंदी। यह बहुत ही बेसिक सी जानकारी हैं जो आपको जरूर पता होना चाहिए।

हालांकि आज भी यूनियन Territories की एजुकेशन को सेंट्रल government ही देखती है, अभी हाल के कुछ महीनों में ही नई शिक्षा नीति आई हैं जिससे स्टूडेंट्स को बहुत ज्यादा फायदा होगा।

अगर आपको यह पोस्ट School Full Form In Hindi से कुछ नया सीखने को मिला है तो इसे अपने दोस्तों को भी भेजें, हम आपके लिए ऐसी ही आर्टिकल लाते रहेंगे

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