Software Developer क्या होता है | software developer कैसे बनें?

आज का मानव जीवन आधुनिक उपकरणों के बिना अपना जीवन सुगम तरीके से जीवन यापन नहीं कर सकता कहीं न कहीं क्षेत्र में तकनीकी का इस्तेमाल हमे करना ही होता है। आज के समय में डेटा ही ईंधन है और सॉफ्टवेयर पूरी दुनिया को चलाता है इसलिए software developer क्या होता है | software developer कैसे बनें आपको जरूर जानना चाहिए।

हाल ही में हुए एक सर्वे में अनुसार सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र में 2018 के बाद से क्रांति सी आ गई है सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से आज आम आदमी के साथ साथ बिजनेसमैन कि लाइफ आसन हो गई है, चाहे टिकट बुक करना हो या ऑनलाइन लेन देन यह सभी सॉफ्टवेयर की मदद से ही चलते है।

हमारे भारत में अब क्लास 6 से ही कोडिंग सिखाई जा रही है जो बच्चो को सही कैरियर चुनने में बेहद मदद करेगी तथा अब बच्चो को अपना इंटरेस्ट सेलेक्ट करने के परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

सॉफ्टवेयर डेवलपर एक ऐसा क्षेत्र है जो आज कल हर जगह बहुत बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा है चाहे आप पढ़ाई का क्षेत्र हो या फिर किसी भी बड़े गेम या सॉफ्टवेयर को बनाने का काम हो, इसलिए आने वाले भविष्य के लिए यह क्षेत्र बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है।

क्यूंकि बेहज कुछ ही कुछ ही सालों में इसमें क्रांति सी आ गई है और भविष्य में भी इसके क्षेत्र बढ़ने वाले हैं इसलिए अगर आपको यह नहीं पता कि सॉफ्टवेयर डेवलपर क्या होता है तो आप बहुत पीछे हैं इसलिए आपको आज जरूर जानना चाहिए किस सॉफ्टवेयर डेवलपर क्या होता है?

Software Developer क्या होता है?

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंप्यूटर साइंस की वह ब्रांच है जिसमें हमें डेवलपमेंट ऑफ कंप्यूटर सिस्टम तथा सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के बारे में पढ़ाते हैं। वास्तव में सॉफ्टवेयर डेवलपर कौन होता है?

Software इंजीनियर या डेवलपर कंप्यूटर साइंस का ज्ञाता होता है जिससे वह प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग कर सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन बनाते हैं।

सॉफ्टवेयर डेवलपर कैसे बनें?

2018 के बाद से सिस्टम डेवलपमेंट में 10% ज्यादा ग्रोथ हुई है इसका कारण है आईटी विभाग इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी अब आपके दिमाग में सवाल उठ रहा होगा कि हम सॉफ्टवेयर डेवलपर कैसे बने?

आप भी सॉफ्टवेयर डेवलपर्स बन सकते हैं बस आपको अपने लर्निंग और स्किल पर ध्यान देना होगा तथा अनुभव के माध्यम से हम एक अच्छा सॉफ्टवेयर डेवलपर बन सकते हैं। उसके लिए हमें शुरुआती लेवल से बढ़ते हुए एक्सपर्ट लेवल तक पहुंचना पड़ता है और उसके बाद हम इंडिया ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनी में भी काम कर सकते हैं।

दोस्तों आपने देखा होगा कि जो बड़ी-बड़ी कंपनियां है जैसे माइक्रोसॉफ्ट इनमें बहुत सी कंपनियों में सीईओ हमारे भारत से ही होते हैं इसका मतलब है कि हम भी अपने स्किल्स पर काम करके बहुत आगे निकल सकते हैं तथा यह सॉफ्टवेयर डेवलपर आपके लिए एक बहुत अच्छा क्षेत्र है।

आइए अब जानते हैं कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कितने प्रकार के होते हैं?

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कितने प्रकार के होते हैं?

यह दो प्रकार का होता है और इस पोस्ट में हम दोनों प्रकार के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे तो चलिए जानते हैं इसके सबसे पहले प्रकार के बारे में।

फ्रंट एंड सॉफ्टवेयर डेवलपर

फ्रंट एंड सॉफ्टवेयर डेवलपर वह होता है जो मोबाइल एप्लीकेशन और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के डिस्प्ले को डिजाइन करता है जैसे आप फेसबुक यूज करते हो तो जैसे ही आप उसे ओपन करते हैं आपके सामने होम पेज खुल जाता है इस होम पेज को डिजाइन करना ही सॉफ्टवेयर डेवलपर का काम होता है।

विजुअल फ्रंट एंड सॉफ्टवेयर डेवलपर प्रोग्रामिंग मैं एक्सपर्ट होते हैं जो विजुअल इंटरफेस जैसे ले आउट में एक्सपर्ट होते हैं फ्रंट एंड डेवलपर इसे वेब ब्राउज़र में रन कराते हैं। फ्रंट एंड सॉफ्टवेयर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर से अलग होते हैं जिनका काम थोड़ा कठिन होता है।

आखरी और मुख्य बात की आप कोर्ट को लिखने में सक्षम और उस कोड को टेस्ट करते रहे हालांकि किसी भी डेवलपमेंट में बग आना स्वाभाविक बात है पर एक फ्रंट एंड डेवलपर के लिए मुख्य कार्य ही होता है कि वह कैसे बग को रिमूव करता है अपने स्किल्स का उपयोग करके। आइए अब इसके कुछ मुख्य प्वाइंट के बारे में बात करते है।

मुख्य प्वाइंट
1. फंक्शनल टेस्टिंग

इसे हम एक साइट का टुकड़ा जैसा मान सकते हैं जैसे फोरम और डेटाबेस जिससे यह पता चलता है कि हमने जो कोडिंग की है वह सही है या गलत और क्या उस कोड की टेस्टिंग सही हो या गलत यह भी पता चलता है अगर टेस्टिंग गलत होगी तो वह कोड रन नहीं होगा।

2. यूनिट टेस्टिंग

यह एक और प्रक्रिया होती है जिससे हम यह परीक्षण करते हैं कि जो हमने कोर्ट लिखे हैं उसमें कोई गलती तो नहीं अगर गलती पाई जाती है तो उसको फ्रंट एंड डेवलपर सही करके दोबारा उसको रन करवाता है।

बैक एंड सॉफ्टवेयर डेवलपर

बैक एंड सॉफ्टवेयर डेवलपर वह होते हैं जो बनी हुई डिजाइन और जटिल लॉजिक को मशीन लैंग्वेज का उपयोग करके साइट को रन कराने में मदद करते हैं पर यह मशीन लैंग्वेज किसी भी यूजर को दिखाई नहीं देती है।

जैसे बहुत ही ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट यह बहुत ही चर्चित न्यूज़ की वेबसाइट इसके पीछे बहुत ही जटिल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज होती है जिससे मिलकर इसे बनाया जाता है। अब जो भी इसमें देखते हैं हमें कई बार बहुत सी वेबसाइट बेहद अच्छी लगती है उसमें बहुत सारे एनिमेशन भी दिए जाते हैं जो किसी भी व्यक्ति को देखने से अच्छे लगते हैं लेकिन इनको बनाना बेहद ही मुश्किल वाला काम होता है।

लेकिन जब हमें कोई वेबसाइट आगे से बहुत ही सुंदर दिखती है तो हम सोचते हैं कि यह बेहद आसान होगा लेकिन उसके पीछे उतनी ही कोडिंग होती है जिसको बनाना बेहद मुश्किल होता है जैसे फेसबुक उसका इंटरफ़ेस बहुत ही आसान है लेकिन इसके पीछे बहुत कठिन अब बेहद जटिल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया गया है जिसे कोई भी यूजर आंखों से नहीं देख सकता।

बैक एंड सॉफ्टवेयर डेवलपर के लिए आपको मुख्यता एचटीएमएल, CSS, जावा स्क्रिप्ट आनी बेहद जरूरी होती है इसके बाद भी कई सारी लैंग्वेज होती है जिन्हे आप सीख सकते है लेकिन यह 3 लैंग्वेज आपको आनी ही चाहिए। आइए अब कुछ और लैंग्वेज के बारे में बात करते है।

  1. स्कैलार प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
  2. जावा पीयरल
  3. पायथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज

निष्कर्ष

दोस्त मुझे पूरी उम्मीद है मेरी आज की इस पोस्ट से जिसका नाम है software developer क्या होता है | software developer कैसे बनें? अब आप को बहुत अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा कि सॉफ्टवेयर डेवलपर क्या होता है तथा हम कैसे बन सकते हैं।

मैंने इस पोस्ट में पूरी कोशिश की है कि मैं आपको बेहद आसान तरीके से समझा पाऊं लेकिन अगर आपको अब भी कोई समस्या है यह कोई सवाल पूछना हो या किसी भी प्रकार का सुझाव हमारे इस ब्लॉग के लिए आपको देना हो तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

अगर आपको इस पोस्ट से आज कुछ नया सीखने को मिला है तो हमारे इस पोस्ट को अपने दोस्तों को भी जरूर भेजें और इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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