DVC Full Form In Hindi | DVC ka Full Form kya hai?

दोस्तों आज की पोस्ट में आपको बताएंगे की DVC Full Form In Hindi | DVC ka Full
Form kya hai
? DVC के पावर प्लांट कहां कहां स्थित हैं इसके बारे में भी जानकारी मिलेगी,
उम्मीद हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा।

DVC भारत सरकार द्वारा स्टार्ट किया गया एक सरकारी संगठन हैं जो झारखंड के आसपास के
इलाकों में बिजली और पानी देने का काम करता हैं।

डीवीसी का इतिहास भी बहुत रोचक हैं इसलिए आज आपको DVC Full Form In Hindi |
DVC ka Full Form kya hai
? यह पोस्ट पूरी पढ़नी चाहिए।

DVC Full Form In Hindi

दोस्तों DVC का फुल फॉर्म “Damodar Valley Corporation” हैं जिसे हिंदी में “दामोदर घाटी निगम” कहते हैं।

इसके नाम में ही निगम हैं यही से समझ जाइए की यह एक सरकारी संगठन हैं जो बिजली आपूर्ति को नियंत्रण करती हैं तथा पीने का पानी भी इलाकों को मुहैया कराने का काम करती हैं।

DVC क्या हैं?

डीवीसी जिसे दामोदर घाटी निगम कहते हैं यह एक भारतीय सरकारी संगठन हैं जो पश्चिम बंगाल के दामोदर नदी क्षेत्र और भारत के झारखंड राज्यों में काम करता हैं।

बारिश के मौसम में नदी का लेवल कई गुना उपर चला जाता हैं जिससे गावों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता हैं और यहा पर दामोदर घाटी निगम काम आता हैं।

यह पानी को नियंत्रण करता हैं और जितना पानी चाहिए उतना ही छोड़ता हैं जिससे बाढ़ नहीं आती और काम चल जाता हैं।

पानी अपने पास स्टोर करने पर डीवीसी में उस पानी से बिजली बनाई जाती हैं जो पश्चिम बंगाल और झारखंड वालों के लिए बहुत जरूरी हैं।

निगम भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत थर्मल पावर स्टेशन और हाइडल पावर स्टेशन दोनों का संचालन करता है। डीवीसी का मुख्यालय भारत के पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में है।

DVC का इतिहास?

ऐसा नहीं हैं दामोदर नदी के बहाव को कम करने के लिए या बिजली की आपूर्ति खत्म करने के लिए प्रयास नहीं किए गए DVC बनने के पहले कई कंपनियों ने अच्छा काम किया।

लेकिन DVC दामोदर नदी को नियंत्रण करने में उन सभी कंपनियों में उभर कर सामने आया और सबसे अच्छा काम किया, आइए इसके बारे में और जानते हैं।

वर्षो से अलग अलग तीव्रता की बाढ़ ने घाटी को हमेशा तबाह किया है 1730, 1823, 1848, 1856, 1882, 1898, 1901, 1916, 1923, 1935 और 1943 में भयंकर बाढ़ आई हैं जिसकी वजह से लोगों को आर्थिक आपदा का सामना करना पड़ता हैं।

यह नदी झारखंड और पश्चिम बंगाल को कवर करते हुए 25,235 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के फैली हुई हैं। 1943 में आई भयंकर बाढ़ ने सरकार पर कर गंभीर सवाल उठा दिए और इसके खिलाफ आक्रोस पैदा कर दिया।

इसके बाद बंगाल सरकार ने जांच के लिए “दामोदर बाढ़ समिति” का गठन किया जिसमे बर्दमान के महाराजा और प्रसिद्ध भौतिकी विज्ञानिक डॉक्टर मेघनाद साहा को उपचारात्मक उपायों का सुझाव देने के लिए इस जांच बोर्ड के सदस्यों में समल्लित किया गया था।

दामोदर बाढ़ जांच समिति ने USA में मौजूद Tennessee Valley की ही तरह एक authority बनाने का सुझाव दिया और 1.5 मिलियन अकड़ फीट की कुछ स्टोरेज वाले स्थलों पर बांध और जलाशय के निर्माण की सिफारिश की।

भारत सरकार ने प्रस्ताव का अध्ययन करने के लिए “केंद्रीय तकनीकी शक्ति बोर्ड” का निर्माण किया और दामोदर में समस्या का अध्ययन करने और घाटी के व्यापक विकास के लिए TVA के एक वरिष्ठ इंजीनियर श्री W L वोर्डुइन को नियुक्त किया।

अगस्त 1944 में श्री W L वूर्डुइन ने दामोदर नदी के एकीकृत विकास पर अपना प्रारंभिक ज्ञापन प्रस्तुत किया।

श्री वूर्डुइन के प्रारंभिक ज्ञापन ने दामोदर घाटी में बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, बिजली उत्पादन और नेविगेशन प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन की गई एक बहुउद्देशीय विकास योजना का सुझाव दिया।

भारत सरकार द्वारा नियुक्त चार सलाहकारों ने इसकी जांच की, उन्होंने वूर्डुइन की योजना की मुख्य तकनीकी विशेषताओं को भी मंजूरी दी और मैथन के बाद तिलैया से शुरू होने वाले निर्माण की शुरुआत की सिफारिश की।

अप्रैल 1947 तक योजना के कार्यान्वयन पर केंद्र, पश्चिम बंगाल और बिहार की तीन सरकारों के बीच व्यावहारिक रूप से पूर्ण समझौता हो गया था और मार्च 1948 में दामोदर घाटी निगम अधिनियम केंद्रीय विधानमंडल द्वारा पारित किया गया था।

दामोदर घाटी निगम के निर्माण के उद्देश्य से तीन सरकारों, केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल और बिहार की राज्य सरकारों को संयुक्त रूप से भाग लेने की आवश्यकता है। निगम 7 जुलाई 1948 को स्वतंत्र भारत की पहली बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना के रूप में अस्तित्व में आया।

दामोदर ने 24,235 किलोमीटर का एरिया कवर किया हुआ हैं जिसमे झारखंड के दो जिले धनबाद और बोकारो और 8 जिले के हिस्से हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, पलामू, रांची, रेवंत, लोहरदगा, गिरिडीह और दुमका।

इसके बाद बंगाल के 6 जिले जिसमे पूर्व वर्धमान, पश्चिम वर्धमान, हुगली, हावड़ा, बांकुरा और पुरुलिया।

डीवीसी बनने के बाद 1943 से बिजली का उत्पादन और संचारण का काम हो रहा हैं।

DVC के पॉपुलर पावर प्लांट??

DVC Full Form In Hindi | DVC ka Full Form kya hai? यह और जानने के बाद अब आपको इसके कुछ पॉपुलर पावर प्लांट के बारे में बताते हैं।

Mejia Thermal Power station, West Bengal
Raghunathpur Thermal Power Station, West Bengal
BPSCL Power plant, jharkhand
Durgapur Thermal Power Station, West Bengal
Kodama Thermal Power Station, Jharkhand

निष्कर्ष?

दोस्तों आज की इस पोस्ट जिसका नाम DVC Full Form In Hindi | DVC ka Full Form kya hai? मुझे उम्मीद हैं आपको इस पोस्ट से आज कुछ नया सीखने को मिला होगा।

बाढ़ से कई हजारों लोग हर साल जान गवा देते हैं इसलिए DVC मॉडल बहुत काम आया पश्चिम बंगाल और झारखंड के इलाकों के लोगो के लिए।

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों तक भी जरूर भेजें, अगर आपके कोई सवाल या सुझाव हैं तो हमे कमेंट में बता सकते हैं।