नरेंद्र मोदी सरकार पहले ही यह इशारा कर चुकी है कि वह ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है। सरकार का यह कदम चीन की ओर से अपनाए गए उपायों को फॉलो करता है।
बिल के अनुसार, भारत सरकार किसी भी व्यक्ति द्वारा डिजिटल करेंसी को medium of exchange, store of value, a unit of account) के तौर पर माइनिंग, जेनरेटिंग, होल्डिंग, को बैन करने की योजना बना रही हैं।
इनमें से किसी भी नियम का उल्लंघन करना ‘संज्ञेय' होगा, जिसका मतलब है कि बिना वॉरंट के गिरफ्तारी संभव है, और ‘गैर जमानती' है।
हालांकि सरकार कह चुकी है कि उसका मकसद ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा देना है, पर वकीलों का कहना है कि प्रस्तावित कानून भारत में नॉन-फंजिबल टोकन मार्केट के लिए भी एक झटका होगा।
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर नकेल कसने की सरकार की योजना के कारण कई इन्वेस्टर्स नुकसान के साथ मार्केट से बाहर निकल गए हैं।