अक्षय कुमार की फिल्म या यशराज फिल्म्स की फिल्म देखने से ज्यादा क्रेज रहा एक नई फिल्म देखने का।
उसके लिए हर शुक्रवार एक नई आशा, एक नई उम्मीद लेकर आता है।
फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' की कहानी पूरी फिल्म है।
चंदबरदाई के लिखे महाकाव्य ‘पृथ्वीराज रासो’ से अलग। ‘पृथ्वीराज रासो’ के बारे में कहा जाता है
कि इसे चंदबरदाई ने वहीं तक लिखा जहां तक इसमें पृथ्वीराज चौहान का यश गान है
इसके बाद का हिस्सा उनके परिजनों ने पूरा किया।
पृथ्वीराज चौहान के बारे में जनश्रुति है कि वह 11 साल में अजमेर के राजा बने और जवानी में ही शहीद हो गए।
अक्षय कुमार को इस युवा राजा के रूप में लेना ही फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी है।
शुद्ध हिंदी बोलना उनके लिए चुनौती रही है।
अनुस्वार का उच्चारण उनसे होता नहीं है।
बताते हैं कि फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' 300 करोड़ रुपये की मेकिंग और प्रचार लागत की फिल्म है।
ये भी कहा गया सिर्फ इसके सेट्स बनाने पर इसके निर्माता आदित्य चोपड़ा ने 25 करोड़ रुपये खर्च कर दिए।
अगर फिल्म के सेट्स और इसमें इस्तेमाल किए गए विजुअल इफेक्ट्स यश राज फिल्म्स की तकनीकी दक्षता की मिसाल हैं
तो ये फिल्म इस कंपनी की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाने वाली फिल्म है।
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी एक ऐतिहासिक फिल्म की कसौटी पर खरी नहीं है
और फिल्म का संपादन भी कमजोर है।
और कुछ हद तक सफल भी होती है लेकिन गाना ऐसा कोई भी नहीं है
जो फिल्म खत्म होने के बाद आपको याद रह जाए।