ई सिम क्या है? ई सिम को सेट कैसे करें?

अगर आप नया फोन खरीद रहे हो तो आपको यह जरूर पता होगा कि अब फोन में माइक्रो सिम तथा
नैनो सिम और ई सिम का उपयोग होता है इसलिए आपको अपनी सिम अपग्रेड करवाना पड़ती है।
इसलिए आज आपका जानना जरूरी है कि ई सिम क्या है? और ई सिम को सेट कैसे करें?

अगर आप आईफोन या कोई स्टैंडर्ड फोन लेने का सोच रहे है तो आपको बता दू उसमे सिर्फ ई सिम
ही लगती है, उसमे किसी भी प्रकार कि नैनो तथा माइक्रो सिम का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

ई सिम बहुत छोटी होती है तथा ट्रेडिशनल सिम से काफी बेहतर होती है, यह ज्यादातर बहुत मेहगें
तथा सिर्फ लेटेस्ट फोन में देखने को मिलती है इसलिए आज आपको यह जरूर जानना चाहिए
क्यूंकि आपको टेक्नोलॉजी से जुड़े रहना चाहिए।

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ई सिम क्या है?

ई सिम एक एंबेडेड सिम कार्ड होता है जो फोन में पहले से ही इंस्टॉल होती है तथा यह फिजिकल सिम का रिप्लेसमेंट है, यह भी नॉर्मल सिम कि तरह ही काम करती है लेकिन ई सिम साइज में काफी छोटी होती है।

इस को फोन के मदरबोर्ड में फिक्स किया जाता है, आप इसे निकाल नहीं सकते। इसका मतलब
यह बिल्कुल नहीं कि आप इसमें अपना नेटवर्क कैरियर चेंज नहीं कर सकते आप जितने बार चाहे
नॉर्मल सिम कि तरह चेंज कर सकते है तथा यह रीराइटेबल होता है।

ई सिम कि मदद से काफी काम आसान हो जाते है जैसे इसमें सिम डालने और निकालने कि झंझट
खत्म हो जाती है और इसके साथ ही यह नॉर्मल सिम कि तरह जीएसएम तथा अन्य नेटवर्क पर काम करती है।

क्या मैं ई सिम इस्तेमाल कर सकता है?

अगर आप ई सिम को अपने फोन में इस्तेमाल करना चाहते हो तो आपके फोन में ई सिम सपोर्ट करना चाहिए और यह फीचर आईफोन जैसे फोन में आता है। दुनियाभर में 120 ऐसे मोबाइल कैरियर है जो ई सिम को सपोर्ट करते है।

ई सिम को डुअल सिम कि तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है और अब तो एप्पल के वॉच में भी ई सिम का फीचर देखने को मिलता है। अब ज्यादातर फोन ई सिम को सपोर्ट करने कि तरफ कदम बढ़ा रहे है क्यूंकि ये लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है।

इसका सबसे अच्छा फायदा यह है कि इसमें सिम डालने और निकालने कि झंझट हमेशा के लिए खत्म हो जाती है तथा अब नई प्रकार की सिम आने वाली है जिसे ई सिम कहा जाएगा। चलिए अब जानते है ई सिम को अपने फोन में कैसे सेटअप करते है

ई सिम को फोन में कैसे लगाए?

ज्यादातर फोन में सिम डालने के लिए ट्रे आती है जिसे निकाल कर उसके सिम लगानी होती है
लेकिन क्या करोगे जब उसमें सिम ट्रे ही न हो, ई सिम को किसे कनेक्ट करेगे?

फोन में ई सिम निर्भर करता है कि आपने कौन सा फोन लिया है तथा किसी सेल्यूलर प्लान के साथ लिया है या बिना प्लान के, अगर आपने बिना सेल्यूलर प्लान के फोन लिया है तो आपको फोन के साथ ई सिम कार्ड मिलता है जिसमे एक बारकोड होता है।

ई सिम को अपने फोन में एक्टिवेट करने के लिए आपको अपने उस फोन से स्कैन करना है जिसमे ई
सिम सपोर्ट करता है, बस आपको फोन से बारकोड स्कैन करना है इसके बाद सिम एक्टिवेट हो जाएगी,
यह बहुत सिम्पल प्रोसेस है।

आईओएस :-

1. सैटिंग पर जाइए
2. सेल्यूलर (और मोबाइल डाटा)
3. ऐड सेल्यूलर प्लान, यहां पर जाने के बाद जो बारकोड आपको दिया गया है उसको स्कैन करना है बस

एंड्रॉयड :-

1. सैटिंग पर जाइए
2. अब नेटवर्क कर इंटरनेट पर जाइए
3. ऐड पर क्लिक करें इसके बाद यूज 2 नंबर पर क्लिक करें, कभी कभी यह ऑप्शन एंड्रॉयड वर्जन के हिसाब से अलग हो सकते है।

डुअल ई सिम इस्तेमाल करने के लिए आपके फोन में डीएसडीएस (डुअल सिम, डुअल स्टैंडबाय) फंक्शन होना बहुत जरूरी है, यह फंक्शन आईओएस 13 तथा एंड्रॉयड 10 वर्जन फोन में देखने को मिल रहा है। इसके बाद जैसे आप नॉर्मल सिम को डिफॉल्ट बना सकते हो इसमें भी सारे ऑप्शन अवैलेबल होते है।

ई सिम के क्या फायदे है ?

सबसे बड़ा फायदा ई सिम का यह है की ये आकार में काफी छोटी होती है नॉर्मल सिम में नैनो सिम सबसे छोटी मानी जाती है लेकिन ई सिम नैनो सिम से तीन गुना छोटी है। हम आपको थोड़ी देर में ई सिम का साइज भी बताएंगे।

ई सिम के लिए फोन में कोई सिम ट्रे नहीं होता इसलिए अंदर के पार्ट्स पर काफी जगह बच जाती है इसलिए यह ई सिम का चलन ज्यादा चल रहा है, तथा ई सिम का यह फायदा है कि अगर आपको सिम चेंज करना है तो सैटिंग से सिम को रिमूव कर दो सिम्पल।

चलिए अब सिम कि साइज के बारे में बात करते है।

2 एफएफ – मिनी सिम

अगर आपको याद होगा तो पहले कीपैड फोन में बड़ी वाली सिम डलती थी जिसे हम 2 एफएफ
मिनी सिम कहते है तथा इसकी हाइट 25 एमएम और विथ 15 एमएम तथा यह सिम 0.76 एमएम
पतली थी, लेकिन अब ज्यादातर इस टाइप कि सिम का उपयोग कम हो गया है।

3 फफ – माइक्रो सिम

मिनी सिम का चलन कम हुआ क्यूंकि फिर टच स्क्रीन फोन आ गए और उनमें माइक्रो सिम का इस्तेमाल होने लगा इस सिम कि हाइट 15 एमएम तथा विथ 12 एमएम और यह सिम 0.76 एमएम पतली थी।

4 एफएफ – नैनो सिम

इसके बाद माइक्रो सिम में और बदलाव किया गया क्यूंकि यह फोन के ज्यादा स्पेस ले रही थी और इसके एक्स्ट्रा पार्ट का फोन में कोई काम नहीं था, तो इसको बदल दिया गया और नई सिम का नाम पड़ा 4 एफएफ – नैनो सिम। इस सिम कि हाइट 12.3 एमएम तथा विथ 8.8 एमएम और यह सिम 0.67एमएम पतली है।

एमएफएफ 2 – एम 2 एम फॉर्म फैक्टर (ई सिम)

इसके बाद टेक्नोलॉजी में बहुत बड़ा आविष्कार हुआ और सिम फोन में लगाने को निकालने का
तरीका हमेशा हमेशा के लिए बदल गया, जिसे ई सिम कहते है। इसकी हाइट 6.0 एमएम है और
उसकी विथ 5.0एमएम तथा यह 0.67 एमएम पतली है।

यह कंपनी से ही फोन के मदरबोर्ड में इंस्टॉल हो कर आती है हम इसे निकाल या अपने हाथ से
नई नहीं डाल सकते।

इसकी वजह से फोन के दूसरे पार्ट्स तथा लार्ज बैटरी बनाने में बहुत मदद मिली, ई सिम फोन के अंदर फिक्स है इसलिए यह वॉटर्पूफ भी है।

ई सिम के नुकसान ?

इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आप नया फोन लेते हो तो एक फोन से दूसरे फोन में ई सिम इंस्टॉल करना काफी मुश्किल काम होता है, नॉर्मल सिम कि तरह इसको निकाल नहीं सकते।

अगर हमारे फोन में नेटवर्क नहीं आते या और कोई प्रॉब्लम होती है तो हम सीधे सिम निकालकर दूसरे
फोन में लगाकर देख लेते है तो पता चल जाता है क्या दिक्कत है लेकिन ई सिम में ऐसा नहीं हो
सकता, अगर नेटवर्क नहीं आ रहे तो आपको सिर्फ इंतजार करना होगा।

माना कि ई सिम बहुत अच्छी है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है और यह नई टेक्नोलॉजी होने के बाद
ज्यादा फोन में उपलब्ध नहीं है इसलिए हम किसी से मदद भी नहीं ले सकते।

6. निष्कर्ष

दोस्तो मुझे पूरी उम्मीद है अब आपको बहुत अच्छे से समझ आ गया होगा की ई सिम क्या है? ई सिम
को सेट कैसे करें? देखिए यह टेक्नोलॉजी बेहद नई है तथा इसके बारे में ज्यादा लोग जानते भी नहीं लेकिन मैंने पूरी कोशिश की है आपको आसान तरीके से समझाने कि।

मुझे उम्मीद है आपको मेरा लिखा हुआ यह लेख जरूर पसंद आया होगा, अगर इस लेख से जुड़े
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